गर्मी का मौसम आते ही शरीर की हालत खराब होने लगती है - पसीना, थकान, चक्कर आना और हीटस्ट्रोक जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं। ऐसे में अगर कोई एक चीज़ है जो सबसे ज़्यादा फायदेमंद मानी जाती है, तो वो है -नींबू। नींबू न सिर्फ शरीर को ठंडक देता है, बल्कि अंदर से मजबूत भी बनाता है। यह एक ऐसा फल है जो हर देहात, शहर, गली, मोहल्ले में आसानी से मिल जाता है और इसके फायदे गिनते-गिनते दिन भी कम पड़ जाए।यह एक ऐसा फल है।
नींबू दिखने में छोटा ज़रूर है, लेकिन इसके भीतर वो ताकत है जो गर्मी के हर खतरे को मात दे सकती है यानी पीछे छोड़ सकती है, नींबू में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, शायद आप लोग इस बात से रूबरू होंगे ,जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। साथ ही इसमें साइट्रिक एसिड, पोटैशियम, फॉस्फोरस और फाइबर भी होता है जो शरीर को अंदर से साफ़ करता है।इस तरह से नींबू हमारे दैनिक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और साथ ही गर्मी के मौसम में नींबू की कीमत का कहर कुछ इस कदर होता है। जैसे सोने की रेट में कमी और बढ़ोतरी।
- गर्मी में क्यों बढ़ जाता है नींबू का महत्व?
गर्मी का मौसम भारत के ज़्यादातर हिस्सों में एक बहुत ही कठिन समय होता है। तेज़ धूप, लू, पसीना, बदन में जलन, और सबसे बड़ी बात - शरीर का पानी सूख जाना। ऐसे समय में देसी लोग एक चीज़ की ओर सबसे पहले भागते हैं। वह चीज है नींबू लगातार गर्मी में उपयोग की जान े वाली एक छोटी सी फल नींबू।
गर्मी में जब शरीर का तापमान बढ़ता है और पानी की कमी हो जाती है, तब नींबू पानी पीने से शरीर तुरंत हाइड्रेट हो जाता है। नींबू में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर के अंदरूनी संतुलन को बनाए रखते हैं। इसके अलावा यह थकान को भी दूर करता है और तरोताज़ा बनाए रखता है और BP यानी blood प्रेशर को भी सही रखने में मदद करता है।
नींबू से जुड़े कुछ किताबें बातें जो शायद आपके लिए जरूरी हो सकते हैं :-
- नींबू का इतिहास और वैज्ञानिक नाम:
नींबू का वैज्ञानिक नाम Citrus lemon है और यह सिट्रस वर्ग के फलों में आता है। यह भारत में सदियों से उगाया और उपयोग में लाया जाता रहा है। पुराने ग्रंथों और आयुर्वेदिक शास्त्रों में इसका उल्लेख "जंबीर फल" के रूप में किया गया है।
साथ ही नींबू के प्रकार के भी नाम याद कर लेते हैं :
भारत में नींबू की कई किस्में होती है कहानी-कहानी हर सिटी और गांव में इन्हें अलग-अलग नाम से भी जाने जाते हैं मैं उन चीजों का व्याख्या नहीं करूंगा मैं यहां सिर्फ उन चीजों का व्याख्या करूंगा जो आपके लिए जरूरी हो -
- कागज़ी नींबू (छोटा और रसदार)
- नगीना नींबूगं
- धराज नींबू (खुशबूदार किस्म)
- बंगाली नींबू
- हर एक का स्वाद थोड़ा अलग होता है और उपयोग भी थोड़ा अलग।
- नींबू में क्या-क्या पोषक तत्व होते हैं?
ये सारे तत्व मिलकर नींबू को गर्मी में एक सुपरफूड बनाते हैं। इसका पानी शरीर को ठंडक देता है, साथ ही खून साफ करता है, पाचन सुधारता है, और शरीर की गर्मी को बाहर निकालता है।
- देसी कहावतें और नींबू :
गाँव-देहातों में एक पुरानी कहावत है – "गर्मी में नींबू और छाछ – तन और मन दोनों को दे आराम।"
नींबू के बिना गर्मी अधूरी सी लगती है। नानी-दादी के नुस्खों में नींबू का खास स्थान रहा है। गर्मी में पेट खराब हो, चक्कर आए, घबराहट हो, तो सबसे पहला इलाज नींबू ही बताया जाता है। यह बात शायद आपको भी जरूर पता होंगे ।
- गर्मी और शरीर का रिश्ता – नींबू कैसे मदद करता है?
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, खून गाढ़ा हो जाता है, ब्लड प्रेशर गिर जाता है, तब नींबू पानी पीने से शरीर को तुरंत राहत मिलती है। नींबू पानी में थोड़ा नमक, चीनी और पानी मिलाने से एक देसी ORS तैयार हो जाता है, जो हीटस्ट्रोक से बचाता है।
- नींबू में क्या-क्या पोशाक तत्व हो सकते हैं :
- विटामिन C : शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे गर्मी से होने वाले संक्रमण जैसे पाचन गड़बड़ी, टाइफाइड, और वायरल से रक्षा होती है।
- पोटैशियम और मिनरल्स : शरीर के जल-संतुलन को बनाए रखते हैं।
- डिटॉक्सिफिकेशन : नींबू लीवर को डिटॉक्स करता है, जिससे शरीर अंदर से साफ होता है और मन शांत रहता है।
- हीटस्ट्रोक से सुरक्षा : नींबू पानी शरीर के तापमान को संतुलित रखता है और लू लगने से बचाता है।
- आपके लिए - नींबू और मानसिक शांति भी जरूरी है: कैसे ?
गर्मी में सिर्फ शरीर ही नहीं, मन भी चिड़चिड़ा और थका हुआ रहता है। नींबू की खुशबू, उसमें मौजूद लिमोनीन तेल मानसिक तनाव को घटाता है। नींबू की गंध दिमाग को शांत करती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। इसलिए गर्मी के लिए नींबू खास है।
और एक खास बात इसकी चर्चा आयुर्वेद में भी देखना को मिलती है
आयुर्वेद में नींबू को "उष्ण-वीर्य" फल बताया गया है, परन्तु इसका रस शीतल प्रभाव डालता है। इसका मतलब है कि यह शरीर में जाकर पित्त और गर्मी के प्रभाव को शांत करता है।
- गर्मी में नींबू से बनी देसी रेसिपियाँ जो शरीर को ठंडक देती हैं:
गर्मी के दिनों में नींबू एक ऐसा देसी उपाय है जो हर किसी के घर में मिलता है और शरीर को अंदर से ठंडा रखने की ताकत रखता है। भारत के गाँवों में लोग आज भी नींबू को शरबत, सत्तू, जलजीरा और छाछ में मिलाकर दिनभर की गर्मी से राहत पाते हैं। नींबू की यह खूबी है कि यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का भी खजाना है। जब शरीर में पसीने के ज़रिए नमक और पानी की कमी हो जाती है, तब एक गिलास नींबू पानी किसी अमृत से कम नहीं लगता।
- सबसे पहले बात करें साधारण नींबू पानी :
तो यह गर्मी में सबसे आम और सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला पेय है। नींबू का रस, थोड़ा सा नमक, एक चम्मच चीनी और ठंडा पानी – बस यही चाहिए। इसे पीते ही शरीर में ऊर्जा दौड़ जाती है और थकावट दूर हो जाती है। इसमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर की प्यास बुझाते हैं और डिहाइड्रेशन से बचाते हैं।
- दूसरी लोकप्रिय रेसिपी है - सत्तू नींबू शरबत:
ये किसानों का ताकतवाला ड्रिंक कहा जाता है। गर्मियों में खेतों में काम करने वाले लोग इसे सुबह और दोपहर में पीते हैं। सत्तू में प्रोटीन और नींबू का खट्टापन मिलकर शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ पेट भी भरता है। एक गिलास पानी में सत्तू, नींबू का रस, काला नमक, भुना जीरा और चाहें तो हरा धनिया मिलाकर ठंडा-ठंडा पीजिए, शरीर को चैन मिलेगा।
- तीसरी रेसिपी है नींबू जलजीरा:
जलजीरा पाचन के लिए तो अच्छा होता ही है, लेकिन जब इसमें नींबू जुड़ जाए तो यह और भी असरदार हो जाता है। गैस, एसिडिटी या भूख न लगने जैसी दिक्कतों में यह बहुत कारगर है। गर्मियों में जब मन घबराने लगे, तो नींबू जलजीरा पीने से बहुत सुकून मिलता है।
इसके अलावा नींबू खस शरबत भी बहुत बढ़िया विकल्प है। खस की ठंडक और नींबू की ताजगी मिलकर शरीर को तेज़ गर्मी से बचाते हैं। इसे बनाने के लिए खस सिरप और नींबू के रस को ठंडे पानी में मिलाकर पीना चाहिए। यह खास तौर पर दोपहर के समय पीना बहुत लाभकारी होता है।
नींबू दही लस्सी भी एक अनोखा पेय है जो गाँवों में खूब पी जाती है। इसमें दही, नींबू, थोड़ा सा नमक और पुदीना मिलाकर स्वादिष्ट ठंडी लस्सी बनती है। यह गर्मी से थके शरीर को ऊर्जा देती है और अंदर से ठंडक भी। इसी तरह नमकीन नींबू छाछ भी बहुत असरदार है। इसमें छाछ के साथ नींबू मिलाकर पिया जाता है जिससे पेट बिल्कुल शांत रहता है और लू से भी बचाव होता है।
- अगर स्किन ग्लो और बॉडी डिटॉक्स चाहिए, तो नींबू और गुलाब जल वाला पेय बहुत फायदेमंद है:
नींबू का रस, गुलाब जल, थोड़ा सा शहद और ठंडा पानी मिलाकर पीना चाहिए। इससे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और गर्मी की वजह से होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स में राहत मिलती है।
- देसी घरों में एक सलाह हमेशा दी जाती है :
अगर दोपहर 12 से 3 के बीच घर में हैं, तो एक गिलास नींबू सत्तू पानी ज़रूर पी लें। इससे लू का असर नहीं होता और दिन भर शरीर में ताजगी बनी रहती है। नींबू के इन सब देसी उपायों को अपनाकर गर्मी के मौसम को आरामदायक बनाया जा सकता है।
- नींबू और गर्मी की आम बीमारियों से बचाव – देसी इलाज :
गर्मी का मौसम भारत के कई हिस्सों में बहुत ही तीव्र और खतरनाक हो जाता है। लू लगना, डिहाइड्रेशन होना और सनस्ट्रोक जैसी समस्याएँ आम बात हो जाती हैं, खासकर जब तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाए। ऐसे समय में नींबू एक ऐसा देसी रक्षक बनकर सामने आता है जो इन बीमारियों से न केवल बचाता है, बल्कि शरीर को राहत भी देता है।
- सबसे पहले बात करते हैं लू लगने की -
लू एक प्रकार की गर्म हवा होती है जो शरीर के तापमान को असंतुलित कर देती है। इसका असर सिर दर्द, कमजोरी, उल्टी, चक्कर आना और कभी-कभी बुखार के रूप में दिखता है। गाँवों में आज भी लोग कहते हैं कि “लू से बचना है तो नींबू पानी पीते रहो”। यह बिल्कुल सही है, क्योंकि नींबू पानी में मौजूद विटामिन C और इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को अंदर से ठंडा रखते हैं और पसीने के ज़रिए जो नमक और पानी निकलता है, उसकी भरपाई करते हैं। लू लग जाए तो एक गिलास गुनगुना नींबू पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पीने से राहत मिलती है।
- अब बात करें डिहाइड्रेशन, यानी शरीर में पानी की कमी की-
गर्मी में पसीने के ज़रिए शरीर का बहुत सारा पानी और जरूरी खनिज बाहर निकल जाते हैं। यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों के लिए ख़ास तौर पर खतरनाक हो सकती है। नींबू के रस में पानी, काला नमक, और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पीने से डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है। यह देसी ओ.आर.एस. की तरह काम करता है और शरीर को तुरंत राहत देता है।
- सनस्ट्रोक, जो कि सिर पर तेज़ धूप के कारण होता है, बहुत गंभीर स्थिति हो सकती है :
यह तब होता है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक धूप में काम करता है और शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसके लक्षण हैं – सिर दर्द, उल्टी आना, बेचैनी, त्वचा का सूख जाना और कभी-कभी बेहोशी भी। सनस्ट्रोक से बचने के लिए सुबह घर से निकलने से पहले एक गिलास नींबू सत्तू पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। सत्तू शरीर में ठंडक बनाए रखता है और नींबू से इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति होती है। इसके अलावा, नींबू का रस माथे पर लगाने से भी आराम मिलता है।
- गाँवों में एक और देसी नुस्खा आज भी चला आ रहा है :
जब भी किसी को लू लगे या वह बहुत थका हुआ लगे, तो नींबू को बीच से काटकर उसके रस को थोड़े पानी में मिलाकर हाथ-पैर और चेहरे पर लगाया जाता है। इससे शरीर की गर्मी तुरंत बाहर निकलती है और राहत महसूस होती है। कुछ लोग नींबू का रस मिट्टी के कुल्हड़ में भरकर ठंडी जगह पर रखते हैं और दिन में थोड़ा-थोड़ा पीते हैं, जिससे पूरा दिन राहत में गुजरता है।
- नींबू के छिलके भी कम फायदेमंद नहीं हैं -
इन्हें सुखाकर पीस लिया जाए और गर्मी के मौसम में थोड़े से छिलके, मिश्री और पानी मिलाकर पिया जाए तो यह पेट की जलन, एसिडिटी और लू से बचाता है। खासकर बच्चों को जब लू लग जाए, तो नींबू पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर देना बहुत अच्छा रहता है।
कुल मिलाकर नींबू ना सिर्फ एक खट्टा फल है, बल्कि गर्मी की प्राकृतिक दवा है। इसके नियमित सेवन से न सिर्फ लू और डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है, बल्कि शरीर में ऊर्जा और ठंडक भी बनी रहती है। नींबू के ये देसी उपाय न केवल सस्ते हैं बल्कि बिना साइड इफेक्ट्स के होते हैं, इसलिए इनका अपनाना हर इंसान के लिए जरूरी है।
- नींबू का ज़्यादा सेवन करने से होने वाले नुक़सान - जानिए सच्चाई ?
नींबू चाहे कितना भी फायदेमंद क्यों न हो, अगर किसी चीज़ का हद से ज़्यादा इस्तेमाल हो जाए, तो वह ज़हर बन जाती है। ठीक वैसे ही, अगर हम नींबू को दिन में कई बार या गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो यह शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। गर्मी में लोग नींबू को हर पेय में डालते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि हर शरीर की तासीर अलग होती है और कुछ लोगों को नींबू नुकसान भी पहुँचा सकता है।
1. पेट में गैस और एसिडिटी:
नींबू में सिट्रिक एसिड होता है, जो खाली पेट या ज़्यादा मात्रा में लेने पर पेट में जलन, गैस और उल्टी की स्थिति पैदा कर सकता है। जिन लोगों को पहले से एसिडिटी की समस्या है, उन्हें नींबू का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। खाली पेट नींबू पानी पीने से पेट की परतों पर असर पड़ता है और ये अल्सर को जन्म दे सकता है।
2. दाँतों की सेहत पर असर:
अगर नींबू पानी को बार-बार बिना स्ट्रॉ के पिया जाए, तो इसका एसिड दाँतों की बाहरी परत (एनामल) को कमजोर कर देता है। इससे दांतों में सेंसिटिविटी और कैविटी की संभावना बढ़ जाती है। देसी घरों में भी बुजुर्ग कहते हैं कि "नींबू दाँतों को खोखला बना सकता है, अगर उसका इस्तेमाल हद से ज़्यादा हो जाए।"
3. त्वचा पर जलन और एलर्जी:
कुछ लोगों को नींबू से एलर्जी हो सकती है। अगर नींबू का रस सीधे त्वचा पर लगाया जाए और तुरंत तेज धूप में चला जाए, तो स्किन पर जलन, रैशेज या सनबर्न हो सकता है। इसे 'फाइटोफोटो डर्मेटाइटिस' कहा जाता है, जिसमें त्वचा पर काले दाग पड़ सकते हैं।
4. गुर्दे (किडनी) में असर:
नींबू में ऑक्सलेट्स की मात्रा होती है। जो लोग पहले से किडनी स्टोन या किडनी संबंधी समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें बिना डॉक्टरी सलाह के नींबू का नियमित और ज़्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पथरी की समस्या बढ़ सकती है।
5. खून पतला करने वाली दवाओं के साथ दिक्कत:
जो लोग खून पतला करने वाली दवाएं लेते हैं (जैसे कि एस्पिरिन), उन्हें नींबू का सेवन सावधानी से करना चाहिए। क्योंकि नींबू भी खून को पतला करता है और दवाओं के साथ मिलकर यह असर बहुत ज़्यादा हो सकता है, जिससे ब्लीडिंग (खून बहने) का खतरा बढ़ता है।
6. गले की खराश और ठंड लगना:
गर्मी में दिन में कई बार ठंडा नींबू पानी पीना गले को नुकसान पहुंचा सकता है। नींबू का तेज़ खट्टापन गले की लाइनिंग को प्रभावित करता है जिससे खराश, सूजन और यहां तक कि टॉन्सिल की भी समस्या हो सकती है।
7. नींबू और लो आयरन:
जो लोग एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित हैं और आयरन की गोली ले रहे हैं, अगर वे नींबू के साथ लोहे वाली चीजें (जैसे पालक, चना) खाते हैं, तो उसका फायदा कम हो सकता है। कुछ रिसर्च बताती हैं कि नींबू का एसिड कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है।
तो अब सवाल ये है – क्या नींबू नहीं खाना चाहिए?
ऐसा बिल्कुल नहीं है। नींबू अगर सीमित मात्रा में, सही समय और शरीर की प्रकृति के अनुसार लिया जाए, तो यह बेहद लाभकारी होता है। लेकिन अति हर चीज़ की बुरी होती है। गाँव के लोग कहते हैं – “औषधि भी ज़हर बन जाती है, अगर दिमाग से नहीं खाई जाए।”
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