गांव में खेती करना कोई आसान काम नहीं होता, खासकर जब कद्दू जैसी बेल वाली सब्जियों में कीड़ा लग जाए। कद्दू यानी कुम्हड़ा या लौकी की खेती बहुत लोग करते हैं, क्योंकि इसका स्वाद भी अच्छा होता है और बाजार में मांग भी। लेकिन जब इसमें सफेद रंग का या अंदर घुसने वाला कीड़ा लग जाता है, तब पूरा पौधा कमजोर हो जाता है और फल समय से पहले सड़ने लगता है। किसान की मेहनत पानी में मिल जाती है। इसलिए जरूरी है कि कद्दू के कीड़े को जड़ से खत्म किया जाए  और वो भी देसी और सुरक्षित तरीकों से।


कद्दू में कीड़ा लगने के लक्षण क्या हो सकते हैं :

अगर कद्दू के पौधे में पत्ते पीले पड़ने लगें, डंठल में छेद दिखाई दे, या फूल और फल समय से पहले झड़ने लगें, तो समझ लीजिए कीड़ा लग गया है। कभी-कभी तनों के अंदर सफेद या हल्के रंग का कीड़ा घुसा होता है जो पौधे का रस चूसता रहता है। यही कीड़ा धीरे-धीरे पूरे बेल को नुकसान पहुंचाता है।

कुछ देसी रामबाण तरीके जिनसे कद्दू में लगने वाले कीड़े को समाप्त किया जा सकता है :

नीम का तेल – सबसे असरदार देसी उपाय :



नीम का तेल कीड़ों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इसे अगर सही मात्रा में और सही तरीके से छिड़का जाए तो कीड़ा भाग जाता है। 1 लीटर पानी में लगभग 20 मिली नीम का तेल मिलाएं और उसमें थोड़ा सा साबुन (जैसे विम या रिन का घोल) डालें ताकि तेल पत्तों पर चिपक जाए। इस घोल को हर 5 से 7 दिन पर सुबह-सुबह छिड़कना चाहिए। इससे न केवल कीड़ा भागता है बल्कि दोबारा आने की संभावना भी कम हो जाती है।


राख और गोमूत्र का प्रयोग से कर बना सकते हैं :

गांव में लकड़ी या उपले जलाने के बाद जो राख बचती है, वो खेती में बहुत काम आती है। इसमें अगर देसी गाय का गोमूत्र मिला दिया जाए तो ये कीड़े भगाने का जबरदस्त घोल बन जाता है। इसके लिए आप 1 किलो राख, 1 लीटर गोमूत्र और 5 लीटर पानी मिलाएं। इस घोल को एक दिन तक ढक कर रख दें और फिर छान कर बेलों ( कद्दू ) पर छिड़क दें। ये तरीका जैविक (organic) भी है और सस्ता भी।



लहसुन और हल्दी – घरेलू दवा की तरह उपयोग कर सकते हैं :

लहसुन और हल्दी में प्राकृतिक कीटनाशक गुण होते हैं। आप 100 ग्राम लहसुन को पीसकर उसमें 2 चम्मच हल्दी और 1 लीटर पानी मिलाएं। इस घोल को रातभर भीगने दें और सुबह छानकर पौधों पर छिड़क दें। इससे तनों के अंदर बैठे कीड़े भी धीरे-धीरे मर जाते हैं।




छाछ (मठ्ठा) का छिड़काव कर बचाव :

पुराने समय में लोग छाछ या मठ्ठा का उपयोग फफूंद और कीड़े भगाने में करते थे। छाछ को 5 लीटर पानी में मिलाकर उसमें थोड़ा फिटकरी मिलाएं और बेलों पर छिड़कें। इससे पत्तों और फलों पर कीड़े नहीं चढ़ते।


गेंदा फूल और धतूरा – प्राकृतिक सुरक्षा कवच के रूप में भी :

कद्दू के खेत के चारों ओर गेंदा फूल लगाएं, क्योंकि इसकी खुशबू से कीड़े भागते हैं। इसके अलावा, धतूरा के पत्ते पीसकर उसका घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है। धतूरा जहरीला होता है लेकिन पौधों के लिए सुरक्षित होता है – इससे कीड़े दूर रहते हैं। ये उपाय ठीक ठाक होता है.

और एक खाश बात ,खेत में हमेशा साफ-सफाई रखें। सूखे और संक्रमित पत्तों को तुरंत काटकर जला दें। हर साल फसल चक्र (crop rotation) अपनाएं – मतलब एक बार कद्दू बोने के बाद अगली बार कोई दूसरी फसल बोएं ताकि कीड़े की प्रजाति खत्म हो सके। खेत की मिट्टी में नीम खली (neem cake) मिलाकर जोताई करना भी एक अच्छा तरीका है।


जानकारी के लिए बता दूं ,कद्दू के कीड़े को मारने के लिए रासायनिक दवाओं की जरूरत नहीं है। हमारे देसी घरेलू उपाय – जैसे: नीम का तेल, लहसुन-हल्दी का घोल, राख और गोमूत्र का छिड़काव – कीड़ों को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं। इससे न सिर्फ फसल बचती है बल्कि मिट्टी और पर्यावरण भी शुद्ध रहता है। देसी तरीका अपनाएं, सुरक्षित खेती करें और कद्दू की बढ़िया उपज पा सकते हैं.


कद्दू खाने के देसी फायदे  शायद आपको पता न हो :




कद्दू एक सीधा-सादा, सस्ता और सेहतमंद सब्जी है जो गांव-घर में आसानी से मिल जाता है। कई लोग इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन सच बात ये है कि कद्दू खाने से शरीर को बहुत फायदे मिलते हैं।


सबसे पहला फायदा : पेट साफ रखता है। कद्दू में फाइबर होता है जो कब्ज मिटाता है और हाजमा ठीक करता है।दूसरा – गर्मी में ठंडक देता है। इसका रस पीने से शरीर ठंडा रहता है और पेशाब में जलन नहीं होती।


कद्दू दिल के लिए भी फायदेमंद है। इसमें कोई नुकसान वाला फैट नहीं होता, जिससे दिल मजबूत रहता है। शुगर वालों के लिए भी बढ़िया है, क्योंकि इसमें मीठा बहुत कम होता है। कद्दू की सब्जी रोज खाओ तो शुगर कंट्रोल में रहती है।


कद्दू आंखों के लिए भी अच्छा होता है क्योंकि इसमें विटामिन A होता है। बुजुर्गों को रोज कद्दू की सब्जी खिलाओ तो आंखें तेज बनी रहेंगी। तो भाई, अगली बार कद्दू को हल्के में मत लेना। ये गरीबों की दवा है - स्वाद भी, सेहत भी। 


कद्दू खाने से हो सकता है ,नुकसान - जानिए कुछ जरूरी बातें  :

कद्दू वैसे तो बहुत फायदेमंद सब्जी है, लेकिन कोई भी चीज़ ज्यादा खाई जाए या बिना सोच-समझ के खाई जाए, तो नुकसान भी कर सकती है। और कद्दू भी इसमें से एक है।

सबसे पहले बात : अगर ज्यादा खा लिया जाए, तो ये पेट में गैस बना सकता है। कुछ लोगों को कद्दू खाने के बाद पेट फूला हुआ महसूस होता है या डकार ज्यादा आती है। दूसरी बात - ठंडी तासीर होने के कारण ज्यादा मात्रा में खाने से सर्दी-जुकाम हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ध्यान रखना जरूरी है।

तीसरी बात : डायबिटीज वाले अगर ज्यादा मीठा कद्दू (पेठा) खाएं, तो उनका शुगर बढ़ सकता है। इसलिए मीठे कद्दू से थोड़ा बचें और नमक वाला कद्दू ही खाएं। कुछ लोगों को एलर्जी या त्वचा में खुजली भी हो सकती है, हालांकि ये बहुत कम होता है।

तो भाई, कद्दू जरूर खाओ लेकिन सीमित मात्रा में और शरीर की तासीर समझकर। अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है तो डॉक्टर से पूछकर ही खाएं। तभी कद्दू बनेगा सेहत का साथी, न कि परेशानी का कारण।


कद्दू खाने का सही समय क्या हो सकता है? 


कद्दू एक हल्की और फायदेमंद सब्जी है। इसे गांव-घर में लोग बहुत पसंद करते हैं। यह बात आपको भी पता होगा ,लेकिन अगर सही समय पर खाया जाए, तो इसका फायदा और भी बढ़ जाता है।

कद्दू खाने का सबसे अच्छा समय है : दोपहर का खाना, इस समय हमारा पेट ठीक से काम करता है और खाना अच्छे से पचता है। दोपहर में कद्दू की सब्जी रोटी या चावल के साथ खाओ, तो पेट साफ रहेगा, गैस नहीं बनेगी और शरीर को ठंडक भी मिलेगी। ऐसा मेरा अनुभव है.

सुबह के समय भी हल्का-फुल्का कद्दू खाया जा सकता है, खासकर अगर आपको कब्ज की परेशानी हो। लेकिन बहुत ज्यादा मत खाइए। इनसे आपको परेशानी हो सकता है .

रात को कद्दू खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये ठंडी तासीर वाली सब्जी है। रात में पाचन धीमा होता है, जिससे गैस, पेट फूलना और सर्दी जैसी तकलीफ हो सकती है। और आप बीमार पड़ सकते है !


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